Election commission
important facts regarding election commission
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Mukesh Katare
5/2/20231 min read


निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) एक स्वायत्त और अर्ध-न्यायिक संस्थान है जिसका गठन भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से निर्वाचन करवाने के लिए किया गया है।
निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट https://hindi.eci.gov.in/ है, जहां आपको मतदाता पंजीकरण, मतदान, परिणाम, ईवीएम, शिकायत, प्ररूप, सी-विजिल, मतदाता शिक्षा चैनल आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिलेगी
निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया इस प्रकार है:
भारतीय निर्वाचन आयोग में एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दो निर्वाचन आयुक्त होते हैं।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो पहले पूरा हो, होता है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त को महाभियोग प्रस्ताव पारित करने पर राष्ट्रपति द्वारा पद से हटाया जा सकता है।
निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है, मुख्य निर्वाचन आयुक्त की सलाह पर।
निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो पहले पूरा हो, होता है।
निर्वाचन आयुक्त को मुख्य निर्वाचन आयुक्त की सलाह पर राष्ट्रपति पद से हटा सकता है।
राज्य में राज्य निर्वाचन आयुक्त (State Election Commissioner) की नियुक्ति राज्यपाल (Governor) करता है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो पहले पूरा हो, होता है। यह समान है मुख्य निर्वाचन आयुक्त के कार्यकाल से। राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति राज्यपाल (Governor) करता है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त के कार्य निम्नलिखित हैं:
अपने राज्य में होने वाले विधानसभा, विधान परिषद और स्थानीय क्षेत्रों के चुनावों को संपन्न कराना।
चुनाव क्षेत्रों का परिसीमन करना।
मतदाता सूची को अद्यतन रखना।
चुनाव आचार संहिता का पालन करवाना।
चुनावी मतपत्र, ईवीएम, वीवीपैट और अन्य सामग्री की आपूर्ति करना।
मतदान और मतगणना के प्रक्रिया को सुरक्षित और सुचारु रूप से संचालित करना।
मतों की संख्या और प्रतिशत की घोषणा करना।
मतों के परिणाम की प्रमाणिकता प्रमाणित करना।
निर्वाचन आयोग से संबंधित महत्वपूर्ण अनुच्छेद निम्नलिखित हैं:
अनुच्छेद 324: इस अनुच्छेद के तहत निर्वाचन आयोग का गठन किया गया है, जो संसद, राज्य विधानमंडलों, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण करता है।
अनुच्छेद 325: इस अनुच्छेद के तहत समान मताधिकार का प्रावधान है, जिसके अनुसार किसी मतदाता को किसी प्रकार के भेदभाव से मताधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है।
अनुच्छेद 326: इस अनुच्छेद के तहत संसदीय प्रतिनिधित्व के मताधिकार की प्रक्रिया को परिभाषित किया गया है